इन्टरनेट का इतिहास
2 सितम्बर 2009 को इन्टरनेट ने 40 साल पूरे कर लिए है। अब से 40 साल पहले यानि 2 सितम्बर 1969 को लें क्लेंरोक और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया लोस एंजेलेस की टीम ने इन्टरनेट से पहले अरपानेट को विकसित किया था, जिसकी शुरुवात दो कंप्यूटर को आपस में जोड़कर हुयी थी। २ सितम्बर को इस प्रयोग को एक कंप्यूटर के डाटा को दूसरे कंप्यूटर पर डाटा भेजने के लिए किया गया था। इसके बाद सन 1972 में रे तोमिल्सन नाम के साइंटिस्ट ने ईमेल के कांसेप्ट को पेश किया था और ईमेल एड्रेस के पहचान के लिए @ को चुना था। बाद में सन 1974 में विंट सर्फ नाम के साइंटिस्ट ने टी.सी.पी / आई.पी संचार प्रोटोकॉल को पेश किया था जिससे कई नेटवर्क्स को जोड़ने में मदद मिली और वास्तविक इन्टरनेट के विकास हुआ। बाद में सन 1993 में डोमेन नेम सिस्टम को चुना गया था जैसे की '.gov','.com','.edu' etc.।
सन 1988 में इन्टरनेट के इतिहास का एक दिन एसा भी रहा जब पहली बार इन्टरनेट वायरस मौरिस ने हजारों कंप्यूटर को इन्फेक्टेड किया था। बाद में सन 1990 में बेर्नेर्स ली नाम के साइंटिस्ट ने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की, जिसके कारण अलग अलग लोकेशन में फैले संस्थानों को जो़ड़ने में मदद मिली। इसके बाद सन 1993 में इन्टरनेट के इतिहास में मत्व्पूरण क्रांति तब आई थी जब मार्क अन्देर्सन नाम के साइंटिस्ट ने ग्राफिक्स और टेक्स्ट को एक साथ जोड़ने के लिए वेब ब्राउजर को विकशित किया था । सन 1994 में मार्क अन्देर्सन और उनकी टीम ने कोम्मेरिसिअल वेब ब्राउजर विकशित करने के लिए नेट्स्केप नाम की एक कंपनी बनाई। इसके बाद सन 1999 में नापेस्टर नाम के साइंटिस्ट ने म्यूजिक फाइल शेरिंग सिस्टम को विकशित किया था जिसने आगे चलकर म्यूजिक इंडस्ट्री की दुनिया को बदल डाला । सन 1998 में U.S.Government ने गूगल कार्पोरेशन की हेल्प से Domain name guideline to Internet Corporation for Assigned names and Number को विकसित किया था।
सन 2004 में मार्क ज़ुकेर्बेर्ग ने हारवर्ड यूनिवर्सिटी में फेसबुक बांयी थी और फिर बाद में सन 2005 में यू ट्यूब विडियो सेयरिंग की शुरुवात हुयी । सन 2007 में एप्पल कारपोरेशन ने आईफोन टेक्नोलोजी को पेश किया और वायरलेस इन्टरनेट के माध्यम से करोडों लोगों को जोड़ा। सन 1999 में दुनिया में इन्टरनेट प्रयोग करने वालो की गिनती केवल 25 करोड़ थी 2002 में ये गिनती 50 करोड़ हो गई। बाद में 2008 में ये गिनती 1.5 अरब तक हो गई थी । आज इन्टरनेट का ही चमत्कार है की हम केवल एक माउस के क्लिक पर पूरी दुनिया की जानकारी ले सकते है। इसी इन्टरनेट के कारन ही मैं आज "साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन" के कांटेक्ट में हूँ जहाँ पर हम अपने विचारों को पेश कर सकते हैं और दूसरो के विचारों को जान सकते है।
सन 1988 में इन्टरनेट के इतिहास का एक दिन एसा भी रहा जब पहली बार इन्टरनेट वायरस मौरिस ने हजारों कंप्यूटर को इन्फेक्टेड किया था। बाद में सन 1990 में बेर्नेर्स ली नाम के साइंटिस्ट ने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज की, जिसके कारण अलग अलग लोकेशन में फैले संस्थानों को जो़ड़ने में मदद मिली। इसके बाद सन 1993 में इन्टरनेट के इतिहास में मत्व्पूरण क्रांति तब आई थी जब मार्क अन्देर्सन नाम के साइंटिस्ट ने ग्राफिक्स और टेक्स्ट को एक साथ जोड़ने के लिए वेब ब्राउजर को विकशित किया था । सन 1994 में मार्क अन्देर्सन और उनकी टीम ने कोम्मेरिसिअल वेब ब्राउजर विकशित करने के लिए नेट्स्केप नाम की एक कंपनी बनाई। इसके बाद सन 1999 में नापेस्टर नाम के साइंटिस्ट ने म्यूजिक फाइल शेरिंग सिस्टम को विकशित किया था जिसने आगे चलकर म्यूजिक इंडस्ट्री की दुनिया को बदल डाला । सन 1998 में U.S.Government ने गूगल कार्पोरेशन की हेल्प से Domain name guideline to Internet Corporation for Assigned names and Number को विकसित किया था।
सन 2004 में मार्क ज़ुकेर्बेर्ग ने हारवर्ड यूनिवर्सिटी में फेसबुक बांयी थी और फिर बाद में सन 2005 में यू ट्यूब विडियो सेयरिंग की शुरुवात हुयी । सन 2007 में एप्पल कारपोरेशन ने आईफोन टेक्नोलोजी को पेश किया और वायरलेस इन्टरनेट के माध्यम से करोडों लोगों को जोड़ा। सन 1999 में दुनिया में इन्टरनेट प्रयोग करने वालो की गिनती केवल 25 करोड़ थी 2002 में ये गिनती 50 करोड़ हो गई। बाद में 2008 में ये गिनती 1.5 अरब तक हो गई थी । आज इन्टरनेट का ही चमत्कार है की हम केवल एक माउस के क्लिक पर पूरी दुनिया की जानकारी ले सकते है। इसी इन्टरनेट के कारन ही मैं आज "साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन" के कांटेक्ट में हूँ जहाँ पर हम अपने विचारों को पेश कर सकते हैं और दूसरो के विचारों को जान सकते है।
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